एक फटी एड़ी सी , थकी हुई सी देहलीज़
माज़ी के Frame को पकडे कड़ी थी दीवारें
Cooker में सीटी बन रही थी कच्चे ख्वाबों की
और तारों पर सीली हुई कई पहचानें पड़ीं थीं
सवालों के पुआल * पर सजा रखा था बिस्तर (* straw )
रौशनदान से चांदनी के साथ छन आते थे कुछ जवाब भी
झूठे वादों से लबालब था उसका डस्टबिन
पूरे वादे बड़े सलीके से अलमारियों में सजे बैठे थे
संदूक खोला तोह देखा कई रिश्ते ज़बरदस्ती दबे पड़े थे
वक़्त की फंफूंद खा गयी थी रेशमी धागे
इन्ही रिश्तों के नीचे कहीं, छुपा बैठा था उनके मुस्तकबल का दर
और इक गुल्लक में खनक रहे थे उम्मीदों के चन्द सिक्के
देहलीज़ आज भी रोज़ उसकी राह तकती है
शायर ने ऊंची बिल्डिंग में नया घर लिया है l
माज़ी के Frame को पकडे कड़ी थी दीवारें
Cooker में सीटी बन रही थी कच्चे ख्वाबों की
और तारों पर सीली हुई कई पहचानें पड़ीं थीं
सवालों के पुआल * पर सजा रखा था बिस्तर (* straw )
रौशनदान से चांदनी के साथ छन आते थे कुछ जवाब भी
झूठे वादों से लबालब था उसका डस्टबिन
पूरे वादे बड़े सलीके से अलमारियों में सजे बैठे थे
संदूक खोला तोह देखा कई रिश्ते ज़बरदस्ती दबे पड़े थे
वक़्त की फंफूंद खा गयी थी रेशमी धागे
इन्ही रिश्तों के नीचे कहीं, छुपा बैठा था उनके मुस्तकबल का दर
और इक गुल्लक में खनक रहे थे उम्मीदों के चन्द सिक्के
देहलीज़ आज भी रोज़ उसकी राह तकती है
शायर ने ऊंची बिल्डिंग में नया घर लिया है l