कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
और कुछ के सिर्फ नाम रह जाते हैं
वक़्त के गर्भ में
एक निर्जीव भ्रूण सा
ऐसा रिश्ता बस्ता तो है
पर पनपता नहीं
सच कुछ रिश्ते नाम से शुरू होते हैं
और एक दिन नाम पर ही ख़त्म हो जाते हैं।
और कुछ के सिर्फ नाम रह जाते हैं
वक़्त के गर्भ में
एक निर्जीव भ्रूण सा
ऐसा रिश्ता बस्ता तो है
पर पनपता नहीं
सच कुछ रिश्ते नाम से शुरू होते हैं
और एक दिन नाम पर ही ख़त्म हो जाते हैं।