अगर हम में कोई ऐसा रिश्ता होता
मैं जान पाती तेरे हर अल्फ़ाज़ के पीछे का किस्सा
क्या तेरी हर नज़्म यूँ ही खूबसूरत रहती
या उड़ जाती उनमें से तसव्वुर की यह महक
वह दुनिया जो बस तेरे ख्यालों पे क़ायम है
क्या बिखर जाती हकीक़त के सूखे पत्तों की तरह
गर सुन पाती उस किरदार के पीछे तेरी दर्द भरी हुक
क्या आंसू मेरी आखों के दो नग्मों के बीच सूख पाते
या ढूंढ़ती रहती हद खुशनुमा नज़्म के बाद
तेरा कोई टूटा हुआ सपना, तेरी कोई भूली हुई याद
मैं जान पाती तेरे हर अल्फ़ाज़ के पीछे का किस्सा
क्या तेरी हर नज़्म यूँ ही खूबसूरत रहती
या उड़ जाती उनमें से तसव्वुर की यह महक
वह दुनिया जो बस तेरे ख्यालों पे क़ायम है
क्या बिखर जाती हकीक़त के सूखे पत्तों की तरह
गर सुन पाती उस किरदार के पीछे तेरी दर्द भरी हुक
क्या आंसू मेरी आखों के दो नग्मों के बीच सूख पाते
या ढूंढ़ती रहती हद खुशनुमा नज़्म के बाद
तेरा कोई टूटा हुआ सपना, तेरी कोई भूली हुई याद