रोज़ जाता है चला आता है ,
उसी वक़्त पर ,
उतनी ही पगार लेकर ,
दिन भर की ड्यूटी देता है l
न रिश्वत लेता है ,
न एहसान जताता है ,
अपने साथियों जैसा कभी बदलता नहीं ,
कभी उफ़ भी नहीं करता l
मैंने सोचा है ,
जाके पूछूँ उसको ,
मजबूरी है कोई ,
या वह अपने जॉब से satisfied है ?
उसी वक़्त पर ,
उतनी ही पगार लेकर ,
दिन भर की ड्यूटी देता है l
न रिश्वत लेता है ,
न एहसान जताता है ,
अपने साथियों जैसा कभी बदलता नहीं ,
कभी उफ़ भी नहीं करता l
मैंने सोचा है ,
जाके पूछूँ उसको ,
मजबूरी है कोई ,
या वह अपने जॉब से satisfied है ?